जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं

*जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं,*

*और जो विष पीते हैं उन्हें देवों के देव “महादेव” कहते हैं … !!!*

*♨ ॐ नमः शिवाय ♨*

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*भोलेनाथ आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करे…..*

*⛳ॐ नमः शिवाय⛳*

*🙏 आप को और आप के परिवार को महाशिव रात्रि की हार्दिक हार्दिक बधाई एवं 🙏🏻शुभकामनाए🙏👏🙏

मैं शिव हूँ

विभत्स हूँ… विभोर हूँ…

मैं समाधी में ही चूर हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

घनघोर अँधेरा ओढ़ के…

मैं जन जीवन से दूर हूँ…

श्मशान में हूँ नाचता…

मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

साम – दाम तुम्हीं रखो…

मैं दंड में सम्पूर्ण हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

चीर आया चरम में…

मार आया “मैं” को मैं…

“मैं” , “मैं” नहीं…

”मैं” भय नहीं…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

जो सिर्फ तू है सोचता…

केवल वो मैं नहीं…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

मैं काल का कपाल हूँ…

मैं मूल की चिंघाड़ हूँ…

मैं मग्न…मैं चिर मग्न हूँ…

मैं एकांत में उजाड़ हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

मैं आग हूँ…

मैं राख हूँ…

मैं पवित्र राष हूँ…

मैं पंख हूँ…

मैं श्वाश हूँ…

मैं ही हाड़ माँस हूँ…

मैं ही आदि अनन्त हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

मुझमें कोई छल नहीं…

तेरा कोई कल नहीं…

मौत के ही गर्भ में…ज़िंदगी के पास हूँ…

अंधकार का आकार हूँ…

प्रकाश का मैं प्रकार हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

मैं कल नहीं मैं काल हूँ…

वैकुण्ठ या पाताल नहीं…

मैं मोक्ष का भी सार हूँ…

मैं पवित्र रोष हूँ…

मैं ही तो अघोर हूँ…

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

Mahashivratri blessings

Mahashivratri blessings to you and your family. May the almighty Lord Shiva & Parvati bless you all with good things, perfect love & health.

#mahashivratri #mahashivaratri #mahashivrati #mahashivarathri #mahashivratree #mahashivratri2018 #mahashivratri🙏

कैलासराणा शिवचंद्रमौळी

*|| कैलासराणा शिवचंद्रमौळी,*

*फणींद्रमाथा मुकूटी झळाळी,*

*कारुण्यसिंधू भवदुःख हारी,*

*तुझ वीण शंभो मज कोण तारी ||*

*ॐ नमः शिवाय*

” *महाशिवरात्रीच्या मनस्वी शुभेच्छा* “

*शुभ प्रभात*

 महाशिव रात्रि की हार्दिक हार्दिक बधाई

*जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं…*
*और*
*जो विष पीते हैं उन्हें देवों के देव “महादेव” कहते हैं …*
*♨ ॐ नमः शिवाय ♨*
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*भोलेनाथ आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करे…..*

*⛳ॐ नमः शिवाय⛳*
 *🙏 आप को और आप के परिवार को महाशिव रात्रि की हार्दिक हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए🙏👏🙏*

Shivratri Blessings

Shivratri Blessings To You and Your Family May The Almighty Lord Shiva Bless You All With Good Things and Perfect Health.

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारी
बरनौ  रघुबर  बिमल जसु, जो दायकू फल चारि
बुध्दि हीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार |
बल बुध्दि विद्या देहु मोंही , हरहु कलेश विकार ||

             चोपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर |
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ||
राम दूत अतुलित बल धामा |
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा ||

महाबीर बिक्रम बजरंगी|
कुमति निवार सुमति के संगी ||
कंचन बरन बिराज सुबेसा |
कानन कुण्डल कुंचित केसा ||

हाथ वज्र औ ध्वजा विराजे|
काँधे मूंज जनेऊ साजे||
संकर सुवन केसरी नंदन |
तेज प्रताप महा जग बंदन||

विद्यावान गुनी अति चातुर |
राम काज करिबे को आतुर ||
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया |
राम लखन सीता मन बसिया ||

सुकसम रूप धरी सियहि दिखावा |
बिकट रूप धरी लंक जरावा ||
भीम रूप धरी असुर संहारे |
रामचंद्र के काज संवारे ||

लाय संजीवनी लखन जियाये |
श्रीरघुवीर हरषि उर लाये ||
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई |
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||

सहस बदन तुम्हरो जस गावे |
अस कही श्रीपति कंठ लगावे ||
सनकादिक ब्रह्मादी मुनीसा|
नारद सारद सहित अहीसा ||

जम कुबेर दिगपाल जहा ते|
कबि कोबिद कही सके कहा ते||
तुम उपकार सुग्रीवहीं कीन्हा |
राम मिलाय राज पद दीन्हा ||

तुम्हरो मंत्र विभिषण माना |
लंकेश्वर भए सब जग जाना ||
जुग सहस्र योजन पर भानू |
लील्यो ताहि मधुर फल जाणू ||

प्रभु मुद्रिका मेली मुख माहीं|
जलधि लांघी गए अचरज नाहीं||
दुर्गम काज जगत के जेते |
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||

राम दुआरे तुम रखवारे |
होत न आग्यां बिनु पैसारे ||
सब सुख लहै तुम्हारी सरना |
तुम रक्षक काहू को डरना ||

आपन तेज सम्हारो आपे |
तीनों लोक हांक ते  काँपे ||
भुत पिशाच निकट नहिं आवे |
महावीर जब नाम सुनावे ||

नासै रोग हरे सब पीरा |
जपत निरंतर हनुमत बीरा ||
संकट से हनुमान छुडावे |
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै||

सब पर राम तपस्वी राजा |
तिन के काज सकल तुम साजा ||
और मनोरथ जो कोई लावे |
सोई अमित जीवन फल पावे ||

चारों जुग प्रताप तुम्हारा |
है प्रसिद्ध जगत उजियारा ||
साधु संत के तुम रखवारे |
असुर निकंदन राम दुलारे ||

अष्ट सिद्धि नौनिधि के दाता |
अस बर दीन जानकी माता ||
राम रसायन तुम्हरे पासा |
सदा रहो रघुपति के दासा ||

तुम्हरे भजन राम को पावे |
जनम जनम के दुःख बिस्रावे ||
अंत काल रघुबर पुर जाई |
जहा जनम हरी भक्त कहाई ||

और देवता चित्त न धरई |
हनुमत सेई  सर्व सुख करई||
संकट कटे मिटे सब पीरा |
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||

जय जय जय हनुमान गोसाई |
कृपा करहु गुरु देव के नाइ ||
जो सत बार पाठ कर कोई |
छूटही  बंदी महा सुख होई ||

जो यहे पढे हनुमान चालीसा |
होय सिद्धि साखी गौरीसा ||
तुलसीदास सदा हरी चेरा |
कीजै नाथ हृदये मह डेरा ||

                   दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूर्ति रूप  |
राम  लखन  सीता  सहित , ह्रुदय बसहु सुर भूप ||

Lord Shiva Mantra

Om Namah Shivay!

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Happy Mahashivratri

Shiv ki Shakti,

Shiv ki Bahkti,

Khushi ki bahr mile,

Mahadev ki kripa se apko jindagi me har safalta mile.

Happy Mahashivratri

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